प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश करना चाहती हैं, इसलिए देश को ‘डिजाइन इन इंडिया’ और ‘डिजाइन फॉर द वर्ल्ड’ पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि हमें ‘डिजाइन इन इंडिया’ के तहत ऐसे उत्पाद बनाने चाहिए, जिनकी गुणवत्ता सबसे अच्छी हो और जिसे पूरी दुनिया में आसानी से स्वीकार किया जा सके। तभी हम मैन्युफैक्चरिंग हब बन पाएंगे।
अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय पेशेवरों को उभरते वैश्विक गेमिंग उद्योग का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस कृषि से लेकर स्वच्छता तक हर क्षेत्र में व्यापक कौशल विकास पर है। ‘कौशल भारत’ कार्यक्रम के जरिए भारत ने विकास को बढ़ावा दिया है और नई गति दी है। उन्होंने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ भारत की अर्थव्यवस्था का मंत्र बन गया है और ‘एक जिला, एक उत्पाद’ के साथ, हर जिला अब अपने उत्पादन पर गर्व कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने विश्वास जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्य उत्पादक बन सकता है।