मैन्यूफैक्चर्ड प्रॉडक्ट्स के भाव में तेजी के बावजूद खाने-पीने के सामानों और क्रूड ऑयल के भाव में नरमी के चलते जून में थोक महंगाई दर में नरमी रही.
कच्चे तेल और खाने के सामानों के भाव में नरमी के चलते पिछले महीने थोक भाव पर आधारित महंगाई में हल्की गिरावट आई. केंद्र सरकार द्वारा आज 14 जुलाई को जारी आंकड़ों के मुताबिक मई महीने के मुकाबले जून में थोक महंगाई दर हल्की नरमी के साथ 12.07 फीसदी पर रही. मई महीने में यह आंकड़ा 12.94 फीसदी था. जून में थोक महंगाई दर में गिरावट के बावजूद यह लगातार तीसरे महीने दोहरे अंकों में रही. पिछले साल जून 2020 में थोक महंगाई दर (-)1.81 फीसदी थी. लगातार पांच महीनों की बढ़त के बाद जून महीने में थोक महंगाई दर में नरमी आई. मैन्यूफैक्चर्ड प्रॉडक्ट्स के भाव में तेजी के बावजूद खाने-पीने के सामानों और क्रूड ऑयल के भाव में नरमी के चलते यह कमी देखने को मिली. WPI लगातार तीसरे महीने 10% के पार रहा. थोक महंगाई की दर जून में 12.07%, मई में 12.94% और अप्रैल में 10.74% रही.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक जून 2021 में महंगाई की इतनी ऊंची दर लो बेस इफेक्ट और जून 2020 के मुकाबले पेट्रोल, डीजल, नाफ्था, एटीएफ, फर्नेस ऑयल जैसे मिनरल ऑयल्स के भाव में बढ़ोतरी और बेसिक मेटिल, फूड प्रॉडक्ट्स, केमिकल प्रॉडक्ट्स जैसे मैन्यूफैक्चर्ड प्रॉडक्ट्स के भाव में तेजी के चलते रही. तेल और पॉवर बॉस्केट की कीमतें मई में 37.61 फीसदी बढ़ी जबकि जून में इनकी कीमतें 32.83 फीसदी बढ़ीं और खाने के सामानों के भाव मई में 4.31 फीसदी बढ़े जबकि महंगे प्याज के बावजूद इनके भाव 3.09 फीसदी बढ़े. इसके विपरीत मैन्यूफैक्चर्ड प्रॉडक्ट्स की बात करें तो इसका इंफ्लेशन मई में 10.83 फीसदी से बढ़कर जून में 10.88 फीसदी पर पहुंच गया.