प्रवर्तन निदेशालय के न्यायाधिकरण ने हाल ही में एक एनबीएफसी पर कुछ चीनी कंपनियों से जुड़े लोन ऐप चलाने के आरोप में 2,146 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज पर फेमा नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया है। जांच एजेंसी के अनुसार, एनबीएफसी ने कुछ नॉर्वेजियन और चीनी संस्थाओं के साथ संबंध होने का आरोप लगाया है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी पर लोन ऐप चलाने के लिए जुर्माना लगाया गया है।
फेमा जांच के अनुसार, चीनी मालिकों के पास एनबीएफसी का ‘समग्र नियंत्रण’ था। भारत में पैसे उधार देने का कारोबार “कैशबीन” नामक मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाता था। अधिकारियों ने यह भी कहा कि पीसीएफएस द्वारा ‘सॉफ्टवेयर लाइसेंस और सेवाओं के आयात’ के नाम पर विदेशी संस्थाओं को लगभग 430 करोड़ रुपये भेजे गए थे। एजेंसी ने कहा कि यह “फर्जी पाया गया।”
7 अक्टूबर को जांच पूरी हुई और प्राधिकरण ने पीसीएफएस की भारत में 252.36 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। प्रवर्तन निदेशालय के निर्णायक प्राधिकरण ने बयान में कहा, “कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद न्याय निर्णय की कार्यवाही पूरी कर ली गई है। नोटिस प्राप्तकर्ताओं के खिलाफ लगाए गए कथित उल्लंघनों और उनके लिखित जवाबों तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दिए गए प्रस्तुतीकरण की सावधानीपूर्वक जांच करने पर पाया गया है कि कथित फेमा उल्लंघन स्पष्ट रूप से साबित हो गए हैं।”