आगामी बजट 2021-22 इंफ्रास्ट्रक्चर पर पब्लिक खर्च की रफ्तार को कायम रखेगा और वह यह सुनिश्चित करने वाला होगा कि इकोनॉमिक रिवाइवल जारी रहे. यह बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एसोचैम फाउंडेशन वीक में कही. उन्होंने यह भी कहा कि विनिवेश की गति जो कोविड19 से प्रभावित हुई है, वह आगामी महीनों में रफ्तार पकड़ेगी. बजट 2021 एक फरवरी को पेश होगा.
सरकार के हिस्सेदारी बिक्री प्रोग्राम को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि विनिवेश में अब तेजी आएगी और ऐसे मामले, जिनमें कंपनियों को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है, उन्हें पूरी गंभीरता से लिया जाएगा.
सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. इस वित्त वर्ष में अब तक सरकार आईपीओ और ऑफर फॉर सेल से 10500 करोड़ रुपये जुटा चुकी है. दो बड़ी कंपनियों बीपीसीएल और एयर इडिया की रणनीतिक बिक्री प्रक्रिया चल रही है और सरकार को इनके लिए कई रुचिपत्र मिले हैं.
मंत्री ने आगे कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पब्लिक खर्च पर जोर जारी रहेगा. नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) विदेश से फंड जुटाने की दिशा में सर्वोत्तम प्रयास कर रही है. नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन को भी वरीयता दी जा रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि 2020-21 के लिए बजट अनुमान में सरकार की बॉरोइंग 7 लाख करोड़ रुपये रहने की बात कही गई थी. लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया. 20 नवंबर तक सरकार की मार्केट बॉरोइंग 9.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी थी. यह पिछले साल के मुकाबले लगभग 68 फीसदी ज्यादा है.