रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कोरोना से जुड़े 52 लाख क्लेम का निपटारा किया है. EPFO ने इन नॉन-रिफंडेबल एडवांस क्लेम्स के तहत 13,300 करोड़ रुपये चुकाए हैं. यह जानकारी बुधवार को केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने एसोचैम फाउंडेशन वीक प्रोग्राम के दौरान दी. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से भारत ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी. इसके अलावा केंद्र सरकार ने जो तीन लेबर कोड्स इस मानसून सत्र में पास किए हैं, उन पर केंद्रीय मंत्री ने इंडस्ट्री रिप्रेजेंटेटिव्स से फीडबैक भी मांगे हैं.
इस साल मार्च में केंद्र सरकार ने ईपीएफओ के 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स को अपने ईपीएफ खाते से विदड्रॉल करने की अनुमति दी थी. हालांकि यह राशि अधिकतम तीन महीने के बेसिक पे और डीए (महंगाई भत्ता) से अधिक नहीं हो सकती थी. केंद्र सरकार ने यह फैसला कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान लोगों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया था.
केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में ईपीएफ खाते से विदड्रॉल के लिए जरूरी प्रावधान का अर्जेंट नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके तहत ईपीएफ सब्सक्राइबर्स अपने खाते से तीन महीने के बेसिक पे और डीए के बराबर राशि या ईपीएफ खाते की 75 फीसदी राशि तक विदड्रॉल कर सकते थे और इसे फिर वापस लौटाने की जरूरत नहीं थी. इस प्रावधान के तहत दोनों में जो राशि कम होती, उतनी निकासी करने का प्रावधान किया गया था.