मोबाइल खुदरा विक्रेताओं ने केंद्र सरकार से चीनी ब्रांड iQoo, Poco और OnePlus को भारत में परिचालन से हटाने का आग्रह किया है, क्योंकि ये चीनी ब्रांड प्रतिस्पर्धा-विरोधी हैं जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AMIRA) ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हस्तक्षेप की मांग की है, जिसमें ऐसी कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की मांग की गई है।
AIMRA के संस्थापक और अध्यक्ष कैलाश लख्यानी ने बताया कि CCI की रिपोर्ट और लगातार फॉलो-अप के बावजूद ये कंपनियां ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon के साथ विशेष समझौते बनाए रखकर और खुदरा स्टोर के माध्यम से उत्पादों को वितरित करने से इनकार करके नियमों का उल्लंघन करना जारी रखती हैं। इसके अलावा, ई-कॉमर्स से खुदरा चैनलों में उत्पादों का अनधिकृत डायवर्जन फंड रोटेशन को बाधित करता है और सरकारी खजाने को अतिरिक्त रोटेशनल GST से लाभ उठाने का अवसर नहीं देता है।”
उन्होंने कहा कि देश में स्थानीय व्यवसायों की रक्षा करना और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन देश के 1.5 मिलियन से अधिक मोबाइल खुदरा विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाला एक शीर्ष निकाय है।
उन्होंने कहा कि कई चीनी कंपनियाँ ग्रे मार्केट गतिविधियों का समर्थन करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके इसी तरह की कार्यप्रणाली का पालन करती हैं, जिससे भारत में निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को नुकसान पहुँचता है।” एसोसिएशन ने 27 सितंबर को संसद सदस्य प्रवीण खंडेलवाल को लिखे पत्र में इन मुद्दों को उजागर किया। इसने वाणिज्य और वित्त मंत्रालयों के साथ इस मुद्दे को उठाने में उनकी मदद मांगी। लखयानी ने कहा, “हाल ही में CCI की एक रिपोर्ट में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और OEM के बीच प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं का खुलासा हुआ है। हम उन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करना चाहते हैं जो भारत में स्थानीय व्यवसायों और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं का समर्थन नहीं करती हैं।”