दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) ने भारतीय मार्केटप्लेस, पेमेंट व होलसेल बिजनेस यूनिट्स में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 11,400 करोड़ रुपये (150 करोड़ डॉलर) का निवेश किया. अमेजन ने यह निवेश देश के डिजिटल कॉमर्स मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए किया. कंपनी ने यह निवेश नुकसान होने के बावजूद जारी रखा. रेगुलेटरी फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक अमेजन सेलर सर्विसेज, अमेजन होलसेल (भारत), अमेजन पे (भारत) और अमेजन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज को वित्त वर्ष 2018-19 में 7014.5 करोड़ रुपये का लॉस हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2020 में बढ़कर 7899 करोड़ रुपये हो गया.
अमेजन प्रवक्ता ने इसे लेकर टिप्पणी की कि वे लॉन्ग टर्म व्यू के आधार पर निवेश की रणनीति पर चलते हुए निवेश कर रहे हैं. इससे भारतीय ग्राहकों को ई-कॉमर्स और अन्य प्रकार के डिजिटल प्रॉडक्ट्स व सेवाओं आसानी से उपलब्ध होंगी.
वित्त वर्ष 2020 में अमेजन सेलर सर्विसेज को 5849.2 करोड़ रुपये, अमेजन होलसेल (भारत) को 133.2 करोड़ रुपये, अमेजन पे (भारत) को 1868.5 करोड़ रुपये और अमेजन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज को 48.1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. वित्त वर्ष 2018-19 में अमेजन इंटरनेट सर्विसेज को 71.1 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था लेकिन 2019-20 में उसे 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ. रेगुलेटरी फाइलिंग के मुताबिक, अमेजन पे का वित्त वर्ष 2019-20 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कुल खर्च 62 फीसदी बढ़कर 3234.8 करोड़ रुपये हो गया, जबकि इसी अवधि में अमेजन सेलर सर्विसेज का कुल खर्च 25 फीसदी बढ़कर 16877.1 करोड़ रुपये हो गया.