डेलॉइट सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चला है कि भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कर्मचारियों को 2025 के लिए उनके वेतन में मामूली वृद्धि ही मिलने का अनुमान है क्योंकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता इन multinational companies (MNCs) पर भारी पड़ रही है । रिपोर्ट में कहा गया है कि इन फर्मों में औसत वृद्धि 8.8 प्रतिशत के दायरे में है, जबकि पिछले वर्ष 9 प्रतिशत दी गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन फर्मों द्वारा संचालित वैश्विक क्षमता केंद्र सबसे बड़ी वेतन वृद्धि दे रहे हैं। अखबार ने आगे कहा कि जीसीसी द्वारा दी गई 9.1 प्रतिशत की वृद्धि अभी भी पिछले वर्ष की तुलना में कम है। अखबार ने कहा कि कर्मचारियों के लिए और निराशा की बात यह है कि सर्वेक्षण में शामिल 100 कंपनियों में से अधिकांश के लिए वेतन अनुमान पिछले वर्ष की तुलना में लगभग एक प्रतिशत कम है।
इस बीच आईटी प्रमुख एचसीएलटेक ने अक्टूबर से दिसंबर की अवधि के लिए जूनियर कर्मचारियों के लिए आंशिक वेतन वृद्धि की है जिसमें कई को 1 से 2 प्रतिशत के बीच वेतन वृद्धि मिली है वहीँ इंफोसिस ने अपनी वार्षिक वेतन वृद्धि को चौथी तिमाही तक के लिए टाल दिया है ।