शेयर बाजार में निकट अवधि की अस्थिरता का मापक इंडिया VIX सूचकांक जिसे निवेशकों की ज़बान में डर का सूचकांक भी कहा जाता है, छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। अस्थिरता सूचकांक लगातार चार सत्रों तक बढ़ने के बाद 17.3 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया – जो कि 6 अगस्त, 2024 को देखा गया था और इस साल अब तक इसमें लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक अगस्त से भारत VIX 12 से 17 के बीच एक साइडवेज रेंज में अटका हुआ है, जो अगले 30 दिनों में निफ्टी के दृष्टिकोण को लेकर बाजार सहभागियों में बढ़ती घबराहट का संकेत देता है। यह घबराहट राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ-संबंधी घोषणाओं के संबंध में अनिश्चितता से उत्पन्न हो सकती है। अधिकांश बाजार सहभागियों को उम्मीद थी कि अमेरिका में चीनी निर्यात पर टैरिफ की घोषणा तुरंत की जाएगी, लेकिन राष्ट्रपति पद के पहले दिन ऐसा नहीं होने के कारण आज एशिया में चीनी शेयरों में सबसे अधिक उछाल आया है।
विशषज्ञों के मुताबिक तकनीकी रूप से, जब तक निफ्टी 50 23,472 से ऊपर नहीं चढ़ता, तब तक बिकवालों का दबदबा बना रहेगा। दैनिक चार्ट से पता चलता है कि बाजार बियरिश फ्लैग फॉर्मेशन के माध्यम से वापसी करने की कोशिश कर रहा है, जो अगर सक्रिय होता है, तो निकट भविष्य में 22,800 क्षेत्र में गिरावट को ट्रिगर कर सकता है।
VIX को ‘डर सूचकांक’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह अगले 30 दिनों में सूचकांक में अपेक्षित अस्थिरता का एक माप है। यह बाजार की उम्मीद को दर्शाता है कि परिसंपत्ति के विकल्प अनुबंधों की कीमत के आधार पर अंतर्निहित परिसंपत्ति में कितना उतार-चढ़ाव होगा। कम VIX रीडिंग आम तौर पर निवेशकों के विश्वास और बाजार की स्थिरता को इंगित करती है, जबकि उच्च VIX यह दर्शाता है कि निवेशक नीचे की ओर बड़ी कीमतों में उतार-चढ़ाव से चिंतित हैं।