नई दिल्ली: देश के अलग-अलग सेक्टर्स में काम करने वाले करीब 40 फीसदी कर्मचारियों को पहले से कम वेतन पर काम करना पड़ रहा है. यह जानकारी एक ताजा सर्वे में सामने आई है. अमेरिकी एकाउंटिंग फर्म ग्रांट थॉर्नटन (Grant Thornton) के इस सर्वेक्षण में कंज्यूमर, रिटेल, ई-कॉमर्स, फाइनेंशियल सर्विसेज़, मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोटिव, फार्मा और हेल्थकेयर जैसे तमाम सेक्टर्स के 16,700 कर्मचारियों को शामिल किया गया है.
सर्वे में सामने आई जानकारी के मुताबिक 40 फीसदी कर्मचारियों के कुल वेतन में तो गिरावट आई है, लेकिन फिक्स्ड वेतन में कमी आने की बात सिर्फ 16 फीसदी कर्मचारियों ने कही. ज्यादातर कर्मचारियों के कुल वेतन में कमी वेरिएबल पे (variable pay) यानी परफॉर्मेंस के आधार पर दिए जाने वेतन में गिरावट की वजह से आई है. सर्वे में सामने आए आंकड़ों से पता चलता है कि करीब 31 फीसदी कर्मचारियों को तो पूरे ही वेरिएबल वेतन से हाथ धोना पड़ा, जबकि 33 फीसदी का वेरिएबल वेतन पहले से कम हो गया.
ग्रांट थॉर्नटन के भारत पार्टनर (ह्यूमन कैपिटल कंसल्टिंग) अमित जायसवाल के मुताबिक एक तिहाई कर्मचारियों को तो अपने फिक्स्ड वेतन में भी 20 फीसदी से ज्यादा की कटौती झेलनी पड़ी, जबकि 40 फीसदी कर्मचारियों के कुल वेतन में गिरावट के बावजूद फिक्स्ड वेतन में कटौती नहीं हुई. इससे पता चलता है कि महामारी की सबसे ज्यादा मार वेरिएबल वेतन पर ही पड़ी है.