छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती
1 अप्रैल से लागू कर दी जायेंगी नयी ब्याज दरें
न्यूज डेस्क। पाई-पाई कर रकम जोड़ने वाले आम आदमी को सरकार ने जोर का झटका, जोरों से ही दे डाला। गाढे़ पसीने की कमाई से की गयी छोटी बचत भी सरकार की निगाहों से न बच पाई और सरकार की कैंची छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों पर चल गयी। ऐसे में सरकार पर भरोसा कर बचत योजनाओं में निवेश करने वाले खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
बुधवार को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, छोटी बचत योजनाओं की दरों में 50-100 आधार अंकों की कमी की गई है। यानी पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, एनएससी, छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में एक अप्रैल से कटौती कर दी गयी है। यही नहीं पीपीएफ में पहली बार ब्याज दर 7 प्रतिशत से कम की गयी है जो 46 साल के लंबे समय में सबसे कम है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती करते हुए वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर सेविंग अकाउंट्स में जमा राशि पर सालाना ब्याज दर को 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड की 7.1 फीसदी सालना ब्याज दर को घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया गया है। बुजुर्गों की बचत योजनाओं पर अब 7.4 फीसदी की जगह सिर्फ 6.5 फीसदी तिमाही ब्याज मिलेगा। सुकन्या योजना भी कटौती से अछूती नहीं रही और इसकी सालाना 7.6 फीसदी ब्याज दर को भी घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया गया है। राष्ट्रीय बचत योजना की ब्याज दर 6.8 प्रतिशत से घटकर 5.9 प्रतिशत की गयी है।
किसान विकास पत्र पर तो सरकार ने दोहरा झटका दिया है। पहले जहा इस योजना में 6.9 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती थी और ये 124 महीने में मैच्योर होता था। लेकिन अब ब्याज दर घटाते हुए 6.2 प्रतिशत करने के साथ इसकी मैच्योरिटी का समय भी बढ़ाकर 138 महीना कर दिया गया है।