भारत में शेयर बाजार इन दिनों काफी अस्थिर हो गया है, स्थिर की जगह गिरावट वाला कहें तो ज़्यादा बेहतर होगा। पूरा नवंबर महीना गिरावट और सिर्फ गिरावट में रहा, बीच बीच में बाजार ने किसी खबर पर उछाल मारने की कोशिश की तो इस उछाल को प्रॉफिट बुकिंग के अवसर के रूप में देखा गया, एक तरह से कहा जाय तो नवंबर का महीना सटोरियों का रहा है, निवेशक तो काफी बोर हो चूका है. ऐसे में इक्विटी बाजार से बोर होने वाले निवेशक दूसरे निवेश विकल्पों की तलाश में होंगे। ऐसे में बॉन्ड एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यहां आपको एफडी और दूसरी बचत योजनाओं के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है साथ ही यहां शेयर बाजार के मुकाबले जोखिम भी कम है।
बॉन्ड एक आय का स्रोत है जिसमें निश्चित रिटर्न मिलता है। सरकारों के अलावा निजी कंपनियां भी बॉन्ड जारी करती हैं। जब सरकार या किसी निजी कंपनी को पैसों की जरूरत होती है तो वे बॉन्ड जारी करती हैं। ये बॉन्ड निश्चित रिटर्न दर और निश्चित अवधि के साथ आते हैं। बॉन्ड जारी करने वाली कंपनियां आमतौर पर 7 से 14 फीसदी के बीच रिटर्न देती हैं। यह कंपनियों द्वारा दिया जाने वाला निश्चित रिटर्न है। बॉन्ड में निवेश करके निवेशक आसानी से 9 से 12 फीसदी रिटर्न पा सकते हैं। यानी बॉन्ड में आपको एफडी और दूसरी बचत योजनाओं के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिलता है।
बॉन्ड दो तरह के होते हैं, एक सुरक्षित बॉन्ड और दूसरा असुरक्षित बॉन्ड। सुरक्षित बॉन्ड में निवेश करना पूरी तरह से सुरक्षित होता है। ऐसे बॉन्ड कोलैटरल के साथ आते हैं। यानी आपसे पैसे लेने वाली कंपनी उसे चुकाने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर कुछ गिरवी रखती है, जिसे डिफॉल्ट जैसी स्थिति में जब्त किया जा सकता है। जबकि अनसिक्योर्ड बॉन्ड में बहुत जोखिम होता है, क्योंकि इसमें कंपनी अपनी कोई चीज गिरवी नहीं रखती। अगर आप अनसिक्योर्ड बॉन्ड में निवेश कर रहे हैं और वह कंपनी डिफॉल्ट करती है, तो आपका पैसा डूब जाएगा।