नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर निकल चुकी है और चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2020 में 0.4 फीसदी की दर से उसमें ग्रोथ रही. इससे पहले चालू वित्त की पहली तिमाही में 24.4 फीसदी और दूसरी तिमाही में 7.3 फीसदी की दर से गिरावट रही थी. तीसरी तिमाही में ग्रोथ के साथ भारत उन देशों में शुमार हो गया जिसमें पिछले साल 2020 की चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2020) में इकोनॉमी में सुधार हुआ जबकि कुछ यूरोपीय देशों में जुलाई-सितंबर 2020 की तिमाही से अधिक गिरावट अक्टूबर-दिसंबर 2020 तिमाही में रही. हालांकि अब पिछले कुछ से कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं तो स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं. इससे चालू वित्त वर्ष की तिमाही में जो गेन्स हासिल हुआ है, उस पर प्रभाव पड़ सकता है. SBI Ecowrap रिपोर्ट के मुताबिक चौथी तिमाही जनवरी-मार्च 2021 में गिरावट रह सकती है.
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो जीडीपी में 8 फीसदी की दर से गिरावट रह सकती है और जीवीए में 6.5 फीसदी की दर से गिरावट रह सकती है. हालांकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 की बात करें तो उसमें रीयल जीडीपी ग्रोथ 11 फीसदी और नॉमिनल जीडीपी 15 फीसदी रह सकती है. एसबीआई इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक कृषि के सिवाय FY21 में सिर्फ इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई और अन्य यूटिलिटी सर्विसेज के बढ़ने का अनुमान है.