देश का सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप बायजूस आज पाई पाई का मोहताज है. बायजूस को पैसों की बचत के लिए पहले तो अपने सभी रीजनल ऑफिस बंद करने पड़े और अब नौबत अपने ट्यूशन सेंटर बंद करने की आ गयी है.अपने खर्चे बचाने के लिए कंपनी लगातार कटिंग कर रही है लेकिन कोई भी कोशिश कामयाब होती नहीं दिख रही है. निवेशकों और कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायूज रवींद्रन के बीच मामला सुलझ नहीं पा रहा है. बायूज रवींद्रन जहाँ से पैसा जुटा या बचा सकते थे, वह सारे उपाय वह कर रहे हैं यहाँ तक कि अपना और परिवार का घर तक गिरवी रख दिया है.
बायजूस अपने ऑपरेशन के तीसरे साल में अधिकांश केंद्रों को मुनाफे में लेकर आना चाहता था. आकाश एजुकेशनल सर्विसेस का अधिग्रहण करने के बाद बायजूस ने पूरे देश में अपने ट्यूशन सेंटर भी खोलने शुरू किए थे. लेकिन विपरीत हालात की वजह से उसने 292 ट्यूशन सेंटर में से 30 को बंद कर दिया है. बायजूस का कहना है कि उसके बचे हुए 262 ट्यूशन सेंटर पहले की तरह हाइब्रिड मॉडल पर काम करते रहेंगे. बायजूस का दावा है उसके अधिकांश ट्यूशन सेंटर को तीसरे साल में लाभदायक बनाने में मदद मिल रही है.
बायजूस ने इससे पहले कंपनी में काम करने वाले करीब 15,000 एम्प्लॉइज को अनिश्चितकाल के लिए वर्क फ्रॉम भेज दिया था. इस समय बायजूस का बंगलुरु वाला कॉरपोरेट ऑफिस ही काम कर रहा है. उसने अपने 20 से ज्यादा रीजनल ऑफिस जो दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और दुसरे शहरों मे थे बंद कर दिए हैं. झगड़ा बायूज रवींद्रन को कंपनी के फाउंडर और सीईओ पद से हटाने का है और बायूज रवींद्रन किसी भी कीमत पर अपने पदों को छोड़ना नहीं चाहते।