ब्रोकरों ने ‘सेबी’ से की टी +1 निपटान प्रस्ताव स्थगित करने की मांग

मुंबई: स्टॉक ब्रोकरों (Stock Brokers) ने पूंजी बाजार नियामक ‘सेबी’ (SEBI) के शेयर निपटान चक्र को मौजूदा टी+2 से घटाकर टी+1 किए जाने के प्रस्ताव पर चिंता जताते हुए इसे स्थगित करने की मांग की है.

ब्रोकरों के संगठन एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) ने ‘सेबी’ के अध्यक्ष अजय त्यागी को लिखे पत्र में अनुरोध किया है कि सेबी अपने प्रस्ताव पर फिर से विचार करें. क्योंकि इस प्रस्ताव से ब्रोकरों की दिक्कतें काफी बढ़ जाएंगी और मौजूदा बैंकिंग व्यवस्था में यह लागू कर पाना अव्यहारिक है. इस कदम से ब्रोकर्स के लिए कार्यशील पूंजी की आवश्यकता बढ़ेगी, सिस्टम पर काम का बोझ बढ़ेगा और आकस्मिक खर्च के लिए बहुत कम गुंजाइश रह जाएगी.

पिछले महीने विदेशी निवेशकों की संस्था एशिया सिक्योरिटीज इंडस्ट्री एंड फाइनेंशियल मार्केट्स एसोसिएशन (ASIFMA) ने भी बाजार नियामक और वित्त मंत्रालय को एक पत्र दिया था, जिसमे लिखा था कि अगर निपटान चक्र को आधा यानी मौजूदा टी+2 से घटाकर टी+1 किया जाता है, तो एफपीआई के लिए परिचालन में कठिनाई होगी.

ब्रोकरों के संगठन का कहना है कि वर्तमान में भारतीय बैंकिंग प्रणाली एक दिन में चेक को पूरी तरह से क्लियर करने के लिए तैयार नहीं है. दूरदराज के गांवों या कस्बों में रहने वाले ग्राहक अभी भी अपने बैंक खातों से धन हस्तांतरण के लिए नेटबैंकिंग के बजाय चेक सुविधा का उपयोग करना पसंद करते हैं. ऐसे में पे-इन और पे-आउट के लिए ब्रोकर के कार्यशील पूंजी की आवश्यकता दोगुनी हो जाएगी. चक्रवात या भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण कनेक्टिविटी के मुद्दे पैदा हो सकते हैं. इसलिए इस प्रस्ताव को सेबी लागू ना करें.

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