सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को अगर दरकिनार कर दें तो देश की शीर्ष तीन दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने एकसाथ टैरिफ में 20 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी कर दी है, इसके बाद मुद्रास्फीति पर इसका असर पड़ना लाज़मी हो गया है। एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया है कि टैरिफ बढ़ोतरी के बाद वित्त वर्ष 2024-25 में कोर inflation में 0.20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।
ब्रोकरेज कंपनी डॉयचे बैंक के विश्लेषकों ने कोर मुद्रास्फीति को 0.20 प्रतिशत बढ़ाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया है। खाद्य और ईंधन के प्रभाव को कोर मुद्रास्फीति में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दरों में बढ़ोतरी के अलावा कमजोर मानसून की बारिश भी एक अन्य कारक है जो मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का कारण हो सकता है। ब्रोकरेज कंपनी का कहना है कि दूरसंचार कंपनियों की टैरिफ दरों में बढ़ोतरी का असर जुलाई से दिखना शुरू हो जाएगा। इस बढ़ोतरी से मासिक आधार पर कोर मुद्रास्फीति में 0.85 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी होगी। कुल मिलाकर tariff में इज़ाफ़े से चालू वित्त वर्ष (2024-25) में Core Inflation में 0.20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इसे देखते हुए हमने अपने चालू वित्त वर्ष के कोर मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को पहले के औसत 3.6 प्रतिशत से संशोधित कर 3.8 प्रतिशत कर दिया है।
टेलीकॉम कंपनियों ने ढाई साल के अंतराल के बाद 20 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की घोषणा की है। तीनों कंपनियों की दरें लागू हो गई हैं। सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने यह कदम उठाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में कोर मुद्रास्फीति 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो मई की तुलना में 0.13 प्रतिशत अधिक होगी। इसमें कहा गया है कि खुदरा मुद्रास्फीति मई के 4.75 प्रतिशत के मुकाबले जून में 4.96 प्रतिशत रहने का अनुमान है।