पतंजलि फूड्स ने 1 जुलाई को नियामकीय फाइलिंग में जानकारी दी है कि उसके बोर्ड ने अपनी मूल कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के गैर-खाद्य कारोबार को 1,100 करोड़ रुपये में किस्तों में खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। फाइलिंग में कहा कि स्लंप सेल के आधार पर चल रहे इस अधिग्रहण से कंपनी के उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार होगा। बता दें कि पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक बाबा से बिजनेसमैन बने रामदेव हैं, जबकि बालकृष्ण कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं।
पतंजलि फूड्स ने कहा, “होम एंड पर्सनल केयर (एचपीसी) कारोबार के अधिग्रहण की यह रणनीतिक पहल कंपनी के मौजूदा एफएमसीजी उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत करेगी, जिसमें कई प्रमुख ब्रांड शामिल होंगे, जो राजस्व और ईबीआईटीडीए में उल्लेखनीय वृद्धि में योगदान देंगे। इसके अलावा, कंपनियों के बीच 3 प्रतिशत टर्नओवर आधारित शुल्क के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्था और अन्य शर्तों पर सहमति बनी है।
31 मार्च, 2024 तक पतंजलि आयुर्वेद के पास पतंजलि फूड्स में 32.4 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इस अधिग्रहण से ‘पतंजलि’ ब्रांड के FMCG उत्पादों के पोर्टफोलियो का एकीकरण होगा। FMCG कंपनी ने कहा कि इससे ब्रांड इक्विटी और संवर्द्धन, उत्पाद नवाचार, लागत अनुकूलन, बुनियादी ढांचे और परिचालन दक्षता और बाजार हिस्सेदारी पर सकारात्मक प्रभाव के मामले में कई महत्वपूर्ण तालमेल होंगे।
पतंजलि फूड्स के बोर्ड की मंजूरी के अनुसार, कंपनी अब अधिग्रहण के संबंध में निश्चित समझौतों को निष्पादित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी और साथ ही लेनदेन के लिए आवश्यक अनुमोदन के लिए आवेदन करेगी। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को जेफरीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लेनदेन पर सलाह दी गई थी।