डिजिटल ट्रांजेक्शन का चलन भले ही तेजी से बढ़ा हो लेकिन अभी भी मनी ट्रांसक्शन का पुराना चलन NEFT, IMPS और RTGS का इस्तेमाल कम नहीं हुआ है। NEFT, IMPS और RTGS का इस्तेमाल हम सभी एक ही बैंक में और दूसरे बैंकों में फंड ट्रांसफर करने के लिए करते हैं ऐसे में सवाल उठता है कि इनमें से सबसे तेज और बेहतर कौन सा है?
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) को एक ऐसी प्रणाली के रूप में समझा जा सकता है जिसमें फंड ट्रांसफर का निरंतर और वास्तविक समय पर निपटान होता है, जो लेनदेन-दर-लेनदेन के आधार पर होता है। यह एक सुरक्षित और विश्वसनीय प्रणाली पर काम करता है, जो फंड के सुरक्षित ट्रांसफर को सुनिश्चित करता है। 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच की लेनदेन राशि के लिए, सेवा शुल्क 24.50 रुपये प्लस जीएसटी है। 5 लाख रुपये और उससे अधिक की लेनदेन राशि के लिए, सेवा शुल्क 49.50 रुपये प्लस टैक्स है।
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) के जरिए आपको चौबीसों घंटे एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा मिलती है। अकाउंट में पैसे जमा होने के बाद NEFT एसएमएस या ईमेल के जरिए जानकारी देता है। NEFT ट्रांजेक्शन आम तौर पर दो घंटे के भीतर निपट जाते हैं। रिजर्व बैंक ने NEFT ट्रांजेक्शन पर कोई सीमा तय नहीं की है। हालांकि, अलग-अलग बैंक NEFT ट्रांसफर पर अपनी सीमा तय कर सकते हैं। 10,000 रुपये तक के ट्रांसफर के लिए बैंक प्रति ट्रांजेक्शन 2.5 रुपये प्लस जीएसटी चार्ज करता है। अगर ट्रांसफर अमाउंट 2 लाख रुपये से ज्यादा है, तो चार्ज 25 रुपये प्लस जीएसटी है।
IMPS सेवा NPCI द्वारा प्रदान की जाती है। यह RBI द्वारा अधिकृत बैंकों के माध्यम से तत्काल धन हस्तांतरण की अनुमति देता है। IMPS रियल-टाइम फंड ट्रांसफर प्रदान करता है। किसी भी बैंक के प्रत्येक खाताधारक के लिए IMPS ट्रांसफर सुविधा 24/7 उपलब्ध है। इसके माध्यम से, फंड तुरंत लाभार्थी तक पहुँच जाता है। IMPS ट्रांसफर का शुल्क आमतौर पर 25 रुपये तक होता है, जो राशि पर निर्भर करता है और बैंकों के बीच अलग-अलग होता है।